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शुभ फल प्राप्त गर्न शनिको नाम जप गर्नुहोस्


February 24, 2024
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काठमाडौं,१२ फागुन । शनिबार शनि भगवानको पूजा गर्न समर्पित छ। शनिबार साँझ पिपलको रूखमा तोरीको तेलको दियो बालेर उनँका १०८ नाम (शनिदेव १०८ नाम) जप गर्ने भक्तजनको जनविश्वास छ । त्यसो गर्दा उनीहरूले जीवनमा कहिल्यै आर्थिक संकटको सामना गर्नुपर्दैन। यसले घरमा आशीर्वाद पनि ल्याउँछ।

शास्त्रमा शनिदेवको पूजालाई धेरै फलदायी मानिएको छ। शनिबार शनि भगवानको पूजा आराधना गर्ने चलन छ । शनिबार साँझ पिपलको रूखको अगाडि तोरीको तेलको दियो बालेर १०८ नाम जप गर्ने भनिन्छ ।

उनीहरूले जीवनमा कहिल्यै आर्थिक संकटको सामना गर्नुपर्दैन। यसले घरमा आशीर्वाद पनि ल्याउँछ। त्यसैले यहाँ पढौं –

शनिदेवको १०८ नाम

  • ऊँ शनैश्चराय नमः
  • ऊँ शान्ताय नमः
  • ऊँ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः
  • ऊँ शरण्याय नमः
  • ऊँ वरेण्याय नमः
  • ऊँ सर्वेशाय नमः
  • ऊँ सौम्याय नमः
  • ऊँ सुरवन्द्याय नमः
  • ऊँ सुरलोकविहारिणे नमः
  • ऊँ सुखासनोपविष्टाय नमः
  • ऊँ सुन्दराय नमः
  • ऊँ घनाय नमः
  • ऊँ घनरूपाय नमः
  • ऊँ घनाभरणधारिणे नमः
  • ऊँ घनसारविलेपाय नमः
  • ऊँ खद्योताय नमः
  • ऊँ मन्दाय नमः
  • ऊँ मन्दचेष्टाय नमः
  • ऊँ महनीयगुणात्मने नमः
  • ऊँ मर्त्यपावनपदाय नमः
  • ऊँ महेशाय नमः
  • ऊँ छायापुत्राय नमः
  • ऊँ शर्वाय नमः
  • ऊँ शततूणीरधारिणे नमः
  • ऊँ चरस्थिरस्वभा वाय नमः
  • ऊँ अचञ्चलाय नमः
  • ऊँ नीलवर्णाय नम:
  • ऊँ नित्याय नमः
  • ऊँ नीलाञ्जननिभाय नमः
  • ऊँ नीलाम्बरविभूशणाय नमः
  • ऊँ निश्चलाय नमः
  • ऊँ वेद्याय नमः
  • ऊँ विधिरूपाय नमः
  • ऊँ विरोधाधारभूमये नमः
  • ऊँ भेदास्पदस्वभावाय नमः
  • ऊँ वज्रदेहाय नमः
  • ऊँ वैराग्यदाय नमः
  • ऊँ वीराय नमः
  • ऊँ वीतरोगभयाय नमः
  • ऊँ विपत्परम्परेशाय नमः
  • ऊँ विश्ववन्द्याय नमः
  • ऊँ गृध्नवाहाय नमः
  • ऊँ गूढाय नमः
  • ऊँ कूर्माङ्गाय नमः
  • ऊँ कुरूपिणे नमः
  • ऊँ कुत्सिताय नमः
  • ऊँ गुणाढ्याय नमः
  • ऊँ गोचराय नमः
  • ऊँ अविद्यामूलनाशाय नमः
  • ऊँ विद्याविद्यास्वरूपिणे नमः
  • ऊँ आयुष्यकारणाय नमः
  • ऊँ आपदुद्धर्त्रे नमः
  • ऊँ विष्णुभक्ताय नमः
  • ऊँ वशिने नमः
  • ऊँ विविधागमवेदिने नमः
  • ऊँ विधिस्तुत्याय नमः
  • ऊँ वन्द्याय नमः
  • ऊँ विरूपाक्षाय नमः
  • ऊँ वरिष्ठाय नमः
  • ऊँ गरिष्ठाय नमः
  • ऊँ वज्राङ्कुशधराय नमः
  • ऊँ वरदाभयहस्ताय नमः
  • ऊँ वामनाय नमः
  • ऊँ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः
  • ऊँ श्रेष्ठाय नमः
  • ऊँ मितभाषिणे नमः
  • ऊँ कष्टौघनाशकर्त्रे नमः
  • ऊँ पुष्टिदाय नमः
  • ऊँ स्तुत्याय नमः
  • ऊँ स्तोत्रगम्याय नमः
  • ऊँ भक्तिवश्याय नमः
  • ऊँ भानवे नमः
  • ऊँ भानुपुत्राय नमः
  • ऊँ भव्याय नमः
  • ऊँ पावनाय नमः
  • ऊँ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः
  • ऊँ धनदाय नमः
  • ऊँ धनुष्मते नमः
  • ऊँ तनुप्रकाशदेहाय नमः
  • ऊँ तामसाय नमः
  • ऊँ अशेषजनवन्द्याय नमः
  • ऊँ विशेशफलदायिने नमः
  • ऊँ वशीकृतजनेशाय नमः
  • ऊँ पशूनां पतये नमः
  • ऊँ खेचराय नमः
  • ऊँ खगेशाय नमः
  • ऊँ घननीलाम्बराय नमः
  • ऊँ काठिन्यमानसाय नमः
  • ऊँ आर्यगणस्तुत्याय नमः
  • ऊँ नीलच्छत्राय नमः
  • ऊँ नित्याय नमः
  • ऊँ निर्गुणाय नमः
  • ऊँ गुणात्मने नमः
  • ऊँ निरामयाय नमः
  • ऊँ निन्द्याय नमः
  • ऊँ वन्दनीयाय नमः
  • ऊँ धीराय नमः
  • ऊँ दिव्यदेहाय नमः
  • ऊँ दीनार्तिहरणाय नमः
  • ऊँ दैन्यनाशकराय नमः
  • ऊँ आर्यजनगण्याय नमः
  • ऊँ क्रूराय नमः
  • ऊँ क्रूरचेष्टाय नमः
  • ऊँ कामक्रोधकराय नमः
  • ऊँ कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमः
  • ऊँ परिपोषितभक्ताय नमः
  • ऊँ परभीतिहराय नमः
  • ऊँ भक्तसंघमनोऽभीष्टफलदाय नमः

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